कुछ अरमाँ बिखरे से,
कुछ दील टूटे से,
फिर भी चाहत बसती रही....
............. हर इंसान में ।
कुछ आँसू सूखे से,
कुछ दर्द ठहरे से ,
फिर भी मुस्कान खिलती रही....
........ हर चेहरे पे ।
कुछ ख़्वाब अनदेखे से,
कुछ ख्वाहिशें अधुरी सी,
फिर भी ज़िंदगी चलती रही...
.................. अपनी रफ़्तार से ।