तू तो निरमोही, हे मुरारी
मुडके न देखा एक बार भी
तू तो निरमोही, हे मुरारी
रंग तो सारे डारे तुने
भिगी चुनरि, मै रंगी सारी
तू तो निरमोही, हे मुरारी
एक बार रख ली मुरली
फिर ना रे तुने उठाई
तू तो निरमोही, हे मुरारी
कैसे सहुँ दु:ख ये सारे
कैसे रहु तुमबिन अकेली
तू तो निरमोही, हे मुरारी
चल पडे परदेस तुम तो
अब तो मै रहु तरसती
तू तो निरमोही, हे मुरारी