kavita
शीर्षक | कवयित्री | प्रतिक्रिया | नवीन |
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स्थित्यंतर | प्रफे | 16 | |
किती पहायचे ऋतू | सुप्रु | 14 | |
संवाद | प्रफे | 13 | |
प्रवास जोवर संपत नाही | कविन | 25 | |
इथपासून तिथपर्यंत | मॅगी | 21 | |
माझ्या सानपंखी धिटूक पाखरास | प्रफे | 10 | |
सोबत | प्रफे | 12 | |
सोहळा | प्रफे | 12 | |
"मी" | विनार्च | 7 | |
सवय | Radhika Godbole | 1 | |
वार्याची झुळूक | विजया केळकर | 2 | |
झण्ण! | नीधप | 20 | |
तुझ्यातली मी, माझ्यातला तु. | सानि | 0 | |
निमित्त्य | मुग्धमानसी | 1 | |
मला माझी लायकी काही केल्या सापडत नाही! | मुग्धमानसी | 14 | |
स्त्री जन्मा... | चिन्नु | 2 | |
माझी लेखणी | विजया केळकर | 6 | |
अंतर | प्रफे | 17 | |
प्रेम | विजया केळकर | 2 | |
किनारा | अवल | 25 | |
मतदान माझा हक्क | विजया केळकर | 0 | |
वीस वर्षांनंतर कदाचित... कायली हॅरिस कविता भावानुवाद | वाइज आउल | 2 | |
नव मैत्रीण - उपक्रम | अनुजा मंदार | 23 | |
कातरवेळ | nanda | 2 | |
सुखाचा शोध | nanda | 7 | |
फोटोमधला तू | मॅगी | 10 | |
सांगाती | मॅगी | 23 | |
मना रे मना | चिन्नु | 3 | |
काळाकभिन्न अंधार ... | amrutahardikar | 2 | |
दुःखाचे दुःख | वंदना | 1 |
पाने
हिंदी / मराठी
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